Sunday 4 March, 2012

हमारी नौकरानी सरीना-2

लेखिका : उषा मस्तानी
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं रूचि बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन !
मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- रूचि जी, आप कैसी हैं? कहाँ से बोल रही हैं?
रूचि हँसते हुए बोली- अब हम नालंदा अपार्टमेन्ट में रहते हैं आपके यहाँ से थोड़ी दूर ही हैं, भाभीजी नहीं हैं क्या?
मैंने कहा- नहीं वो तो नहीं है !
रूचि बोली- मैं भी अकेली हूँ ! अच्छा, सरीना आपके यहाँ हो तो भाईसाहब बात करा दीजिए न ! कुछ बड़ा काम तो नहीं कर रही है क्या ?
मैं झेंपता हुआ बोला- अभो कराता हूँ !
सरीना पीछे आकर मुझसे चिपक गई थी, मैंने सरीना को फ़ोन दे दिया। सरीना की आवाज़ मुझे सुनाई दी, सरीना बोल रही थी- अच्छा मेमसाहब तो आज नहीं आना है? ठीक है, शाम को दे दूँगी !
फ़ोन रखने के बाद सरीना मुस्कुरा रही थी। मैं बोला- यह रूचि जी वही हैं न जो हमारे सामने रहती थीं और आशा की दोस्त भी थी?
सरीना आँखे मटका कर बोली- हाँ जी, यह वही हैं, जब यह अपनी बालकनी में कुछ उठाने आती थीं तो आप छुपकर देखा करते थे और जब कभी आपके घर आती थीं तो आप इनकी चूचियाँ घूर घूर कर देखते थे। आजकल सामने वाली बिल्डिंग में रहती हैं। शाम को इनकी झांटे साफ़ करने वाली क्रीम वापस करनी है।
मेरा लण्ड झुका हुआ था, सरीना ने उसे हिलाया और बोली- आपकी वो किताब कहाँ है जिसमें सुन्दर सुन्दर नंगी लड़कियों की चुदती हुई फोटो लगा रखी हैं?
मैं चौंकते हुए बोला- तुझे कैसे पता? यह बात तो मेरी बीवी को भी नहीं पता !
बाबूजी, आपकी बीवी को तो यह भी नहीं पता कि आप मेरी चूत का रस चख रहे हैं, आप एक दिन बस स्टैंड के पास फ़ुटपाथ की जिस दुकान से नंगी फोटो खरीद रहे थे वो मेरे पड़ोसी की दुकान है, उसी ने बताया था कि आपको नंगी जवान लड़कियों की सेक्सी फोटो खरीदने का शौक है, अब नखरे न करो, मुझे दिखा दो, नहीं तो मैं नाराज हो जाऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है, मैं दिखाता हूँ।
"यह हुई न बात !" सरीना बोली और उसने मेरे ठन्डे पड़े लण्ड को मुँह में लेकर दो तीन बार चूस लिया, बोली- आप किताब लाओ तब तक मैं आपके लिए गरम दूध बनाकर लाती हूँ।
मैं अपनी दो सौ पन्नों की फाइल ले आया जिसमें नंगी लड़कियों की हसीन फोटो थीं। उन्हें मैं एक बार देखने लगा जिससे मेरे लण्ड में थोड़ा सा उफान आ गया। सरीना दो ग्लास दूध ले आई थी। मेरी तरफ ग्लास बढ़ाकर बोली- लो साहब दूध पियो !
मैं बोला- मैं ठंडा दूध पीता हूँ !
उसने मेरा दूध मेज पर रख दिया और अपना ग्लास खाली कर दिया, मेरा लौड़ा सहलाते हुए बोली- राजा, अभी तो एक पारी और हो जाएगी, यह मियां तो फुदकी मार रहें हैं।
मैं बोला- तू ग्लास दे।
उसने ग्लास मेरी ओर बढ़ा दिया। ग्लास में बहुत मलाई थी, मैं उसे निकालने लगा तो सरीना बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- रानी, मैं मलाई नहीं खाता !
सरीना बोली- लाओ, मलाई मुझे दो ! आप कोई अच्छा काम करते भी हो?
मैंने मलाई उसके हाथ में दे दी उसने मलाई लेकर मेरे लण्ड पर गिरा दी।
मैं बोला- अरे, यह क्या कर रही हो सरीना?वह मेरे गाल पर चुटकी काटते हुए बोली- आप अब दूध पियो और मुझे मलाई खाने दो !
उसने दूध की मलाई से मेरे लण्ड की मालिश की और लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी। थोड़ी देर में लण्ड पूरा तन गया, मैं मस्त हो गया।
पूरा लण्ड तनते ही मेरा मन दुबारा चोदने को करने लगा।
सरीना बोली- राजा, पहले जाकर दूध के ग्लास रख कर आओ फिर तुम्हें चुदाई का दूसरा पाठ पढ़ाती हूँ।
मैं ग्लास रखने गया, तभी मेरे ऑफिस से फ़ोन आ गया। मैंने फ़ोन पर बता दिया- आज नहीं आऊँगा।
जब मैं कमरे में घुसा तो सरीना उलटी घुटनों के बल लेटकर नंगी लड़कियों की फोटो देख रही थी, मैं उसकी गाण्ड से चिपक कर चूची दबाने लगा तो सरीना बोली- लड़कियां तो बहुत सुन्दर हैं ! दो-दो लण्डों से भी चुदवा रही हैं।
मैं बोला- सरीना जान, मेरा लण्ड तुम्हारी चूत के लिए पागल हो रहा है, जरा सीधी हो जा, एक बार चूत की सैर और करा दे !
सरीना बोली- चोद दो ! पीछे से चोद दो ! लो मैं चूत ढीली छोड़ती हूँ ! तुम घुसाओ !
सरीना थोड़ी उचक गई और उसने टाँगे फ़ैला दीं, बोली- चूत दिख रही है?
मैंने कहा- दिख तो रही है !
"तो घुसाओ ना ! चूतिया क्यों बने हुए हो?"
मैं लण्ड उसकी चूत में लगाने लगा लेकिन लण्ड घुस ही नहीं रहा था। सरीना बनावटी गुस्से से बोली- मादरचोद, भगवान अगले जन्म में लण्ड बिना पैदा करेगा। आठ इंच का रख कर भी चूत में नहीं घुसा पा रहा गाण्डू ? कमर पकड़ !
मैंने सरीना की कमर पकड़ ली, सरीना ने हाथ से लण्ड अपनी चूत के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मार !
मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को चूत में मारा, सफलता मिली और लण्ड चूत में था। वाकई एक अनोखा मज़ा था ! उसकी चूचियां मैंने पकड़ ली।
सरीना बोली- ज्यादा शरीफ मत बनो, गालियाँ बकते हुए चोदो, वर्ना मेरे आलावा किसी की चोद भी नहीं पाओगे।
मैंने सरीना को गुरु मान लिया था, लण्ड को पेलते हुए मैंने गालियाँ बकनी शुरू कर दीं। थोड़ी देर में हम दोनों पूरे मज़े ले रहे थे, सरीना चिल्ला रही थी- ऊह आह ! मज़ा आ गया ! क्या मारी है बहन चोद ! तू तो आज से चूत का राजा बन गया है ! मार साली की भोंसड़ी बना ! सच अब तुझसे चुदने का मज़ा आ रहा है ! कुत्ते मार इस हरामिन चूत को ! साली बहुत तंग करती है।
मैं भी कुतिया, रंडी, साली, रंडी की औलाद, तेरी भोंसरी की मारूँ, लोंडी बकता हुआ सरीना को चोदने में लगा हुआ था। 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं निढाल होकर लेट गया, सरीना भी मुझसे चिपक गई। चिपके चिपके हम एक दूसरे की चूची, चूत चुचकों और लण्ड से खेल रहे थे।
करीब एक घंटे बाद उठे तो मैं चौंकते हुए बोला- अरे बारह बज गए? कोई क्या सोचेगा?
सरीना मेरे गालों की पप्पी लेते हुए बोली- कोई कुछ नहीं सोचेगा ! सुबह वाले गार्ड की ड्यूटी नौ बजे बदल जाती है और किसी के पास इस मुंबई में इतना समय नहीं है कि हमारे बारे में सोचेगा।
मैं सरीना को चिपकाते हुए बोला- रानी, तुमने मस्त कर दिया ! अब यह बताओ कि क्या सरप्राइज़ दे रही हो?
सरीना बोली- इतनी मारी है मेरी ! कुछ इनाम तो दो !
मैंने बिना देखे हुए कल शाम को एक ठेकेदार जो लिफाफा दे गया था, वो पूरा उसे दे दिया।
उसने खोल कर देखा तो उसमें दस हजार थे, वो बोली- राजा, आपने मुझे खुश कर दिया ! सच राजा, मज़ा आ गया !
और उसने मेरे गालों पर 5-6 पप्पी दे डाली।
मैं बोला- सरप्राइज़ तो बता दो?
वो मेरे कान के पास मुँह लाकर बोली- दो दिन बाद मैं आपके लण्ड राजा को रूचि जी की चूत में घुमा कर लाऊँगी।
"सच रानी? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है !"
सरीना बोली- दो दिन बाद हो जायेगा ! लेकिन मर्द बनकर चोदना, शरीफ बनकर नहीं ! कल मैं तुम्हें पूरा प्रोग्राम बताऊँगी।
उसके बाद सरीना चली गई। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस रूचि की सोच सोच कर मैंने कई बार मुठ मार दी और जिसकी चूची तक मैंने नहीं दबाई, उसकी चूत में मेरा लण्ड दो दिन बाद सैर करेगा।
मैं सोचते सोचते नहाने चला गया और नहाते हुए सरसों के तेल से सरीना के कहे अनुसार लण्ड पर मालिश करने लगा।
अगले दिन सरीना फिर छः बजे आ गई। मैंने उससे प्रोग्राम पूछा, लेकिन उसने कहा- पहले आप मुझे आठ बजे तक चोदो बिना लण्ड झड़े ! तब मैं रूचि जी की चूत दिलवाऊँगी। मैंने रूचिजी को बता दिया है कि तुम दो घंटे तक चूत चोदोगे उनकी। उनके पति उन्हें दस मिनट से ज्यादा चोद नहीं पाते और चार महीने में एक बार मारते हैं, महीने में बीस दिन बाहर रहते हैं। मेरी चाल में तो 9-10 इंच लम्बे लण्ड वाले लोंडे हैं जो 6-6 घंटे तक चूत फाड़े रखते हैं लेकिन रूचि जी तुम्हें पसंद करती हैं और तुमसे ही चुदना चाहती हैं। अब तुम उन्हें एक घंटा भी नहीं चोद पाए तो मेरी इज्ज़त मिटटी में मिल जाएगी।
मैंने उसकी बात मान ली और चुदाई शुरू कर दी। सरीना ने मुझे पूरा सहयोग किया और 5-6 आसनों से मेरा लण्ड चूत में डलवाया। डेढ़ घंटे बाद मेरा लण्ड पहली बार झड़ा, इतनी देर तक मैं सरीना को इसलिए चोद पाया क्योंकि सरीना ने हर आसन के बाद मेरे लण्ड को 2-3 मिनट का आराम दिया और इस समय मैं मुझसे अपने संतरे और होंटों को चुसवाया।
इसके बाद सरीना ने लण्ड चूसा और उसे दुबारा खड़ा किया। एक बार फिर एक घंटे तक मेरे लण्ड ने उसकी चूत को बजाया।
सरीना मुस्कुराते हुए बोली- साहब, वाकई अब आप चोदना सीख गए हो ! अब दो दिन बाद रूचि जी की चूत पर आपका राज रहेगा और आप उनकी चूत जम कर बजाना।
सरीना ने अपना प्रोग्राम बताया। उसने बताया कि कल शाम दो बजे को अतुल नाम के एक सज्जन अपनी पड़ोसन रेखा के साथ आपके घर आयेंगे। जिसे वो 2 से 5 बजे आपके यहाँ चोदेंगे। .मैं भी 2बजे काम करने आऊँगी और आपके साथ रहूँगी। दो दिन बाद अँधेरी में उनके फ्लैट में आप रूचि जी के साथ अपनी कार से जायेंगे, जहाँ रूचि जी को आप चोदेंगे। रूचि जी अँधेरी के बाहर आपको मिल जाएँगी। लोकल स्टेशन से अपनी कार में रूचि को लेकर आप अतुल जी के यहाँ जायेंगे, वहाँ आपको मेरी सहेली उमा मिलेगी जो अतुल के यहाँ काम करती है। उमा ने ही अतुल को उनकी पड़ोसन की चूत दिलाई है। कोई दिक्कत होगी तो उमा मदद कर देगी। अब मैं रूचि जी के यहाँ काम करने जा रही हूँ, वहाँ फ़ोन से आपकी बात रूचि से कराऊँगी। जरा रंगीन बनकर बात करना, बड़ा मज़ा आएगा।
सरीना के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे मोबाइल पर घंटी आई, सरीना बोल रही थी- लो रूचि जी से बात करो !
मेरे दिल की धड़कन जोरों पर थी, उधर से रूचि बोली- नमस्ते राजीव जी, सरीना बता रही थी आप मुझे बहुत पसंद करते हैं?
मैं बोला- सच रूचि जी, आप बहुत सुन्दर हैं और आपकी आवाज़ भी बहुत मधुर है।
"सच? और क्या क्या अच्छा लगता है?"
मैं बोला- सब कुछ !
"आप ठीक से बताइए न ! अब तो हम दोस्त हैं ना?"
मैंने कहा- सच बता दूँ?
रूचि सेक्सी ऊहं भरती हुई बोली- जल्दी बताइए न?
मैं बोला- मुझे सबसे अच्छे आपके संतरे लगते हैं ! सच, रस पीने का बड़ा मन करता है।
रूचि बोली- पी लीजिये ! लो, मैंने दोनों बाहर निकाल लिए हैं, पीजिये ना। आप पी रहे हैं ना?
"आह, बहुत मज़ा आ रहा है !" फ़ोन पर मैं सेक्सी आवाज़ निकलने लगा और बोला- रूचि जी। फ़ोन पर जब इतने रसीले लग रहे है तो सामने पीने पर कितने अच्छे लगेंगे !
रूचि बोली- आहा, सच, बहुत मज़ा आएगा जब आप असली में पीयेंगे ! अच्छा और क्या मन कर रहा है?
मैं बोला- मेरा घोड़ा आपकी सुरंग में घूमना चाह रहा है !
रूचि बोली- हो हो ! मतलब कि आप मेरी मारना चाहते हैं? आपका कितना लम्बा है?
मैं बोला- आठ इंच का है !
रूचि बोली- बाप रे ! आठ इंची? नहीं बाबा नहीं ! मेरी तो फट जाएगी ! दर्द भी खूब होगा और बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- आप एक बार दें तो ! इतने प्यार से मारूँगा कि आप खुद ही कहेंगी कि एक बार और मारो ना !
रूचि बोली- सच? तो कब आप मेरी मार रहे हैं? सच बताऊँ, यह साली तो मुझे बहुत परेशान करे हुए है दो महीने से लण्ड-लण्ड चिल्ला रही है, आपकी बातों से पूरी गीली हो गई है।
मैं अपना लण्ड निकाल कर हाथ में पकड़े हुआ था, लण्ड रूचि की बातें सुनकर टनक रहा था। सरीना उधर खड़ी हमारी बातें सुन रही थी, बोली- रूचि जी, आपकी सुरंग मैं गीली करा दूँगी !
और उसने अपनी पूरी योजना रूचि को बता दी।
रूचि ऊहं भरती हुई बोली- राजीव जी, दो दिन तक इंतजार करना पड़ेगा ! प्यार से मारना आप ! सच में आज तो सो ही नहीं पाऊँगी ! अब डार्लिग, फ़ोन बंद कर दूँ?
मैं बोला- एक पप्पी तो दे दो !
उधर से एक पुच की आवाज़ आई और फ़ोन बंद हो गया। मैंने भी अपना फ़ोन बंद कर दिया।
मेरा लण्ड इस समय आसमान छू रहा था पर सरीना ने मुझे मुठ मारने के लिए मना किया था इसलिए बात करने के बाद मैं बाहर टहलने निकल गया।
सरीना अगले दिन सुबह सात बजे काम पर आई, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके गालों को चूमने लगा और बोला- सरीना, तूने तो कमाल कर दिया?
सरीना बोली- देखते जाओ ! आज शाम को अतुल की पड़ोसन अतुल के साथ-साथ आप से भी चुदेगी।
मैं बोला- लेकिन अतुल बुरा तो नहीं मानेगा?
सरीना मेरे लण्ड को सहलाते हुए मुस्कुराई और बोली- इस खेल में सब जायज़ है ! अब यह सेक्स तेल लो और हर एक घंटे बाद इसकी मालिश करो ! दो बजे से आपका भी मैच है, मैं नहीं चाहती कि आप उसमें फेल हों !
सरीना ने अपनी चूचियों के बीच से निकाल कर सेक्स के तेल की शीशी मुझे दे दी। सरीना तेल निकाल कर मेरे लण्ड की मालिश करने लगी। उसके बाद लण्ड अपने मुँह में घुसाने से पहले बोली- आज चुदवाऊँगी नहीं ! शाम को टनटनाए रहना ! रेखा की चूत का बाजा बजाना है।
सरीना ने बताया- अतुल की पड़ोसन रेखा अतुल से पिछले कई महीने से चुदवा रही है अतुल का लण्ड 5 इंच लम्बा है लेकिन दोनों को एक दूसरे से करवाने में मज़ा आता है। आज अतुल उसकी गाण्ड मारना चाहता है जिसके लिए मुझे उसकी मदद करनी पड़ेगी। तुम भी देखना कैसे उसकी गाण्ड मरवाती हूँ और तुम्हारा लण्ड उसकी चूत में भी डलवाऊँगी ! बस तुम जल्दबाजी मत करना !
सरीना ने मुझे एक पप्पी दी और बोली- मैं अतुल के साथ गाड़ी में आऊँगी, सोच-सोच कर मुठ मत मारना और इतना कह कर सरीना चली गई।
मैं दो बजने का इंतजार करने लगा।
कहानी का अगला भाग "रेखा- अतुल का माल" जल्दी ही आपको पढ़ने के लिए मिलेगा

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