Sunday, 4 March 2012

रेखा- अतुल का माल-4

लेखिका : उषा मस्तानी
इस बीच रेखा का मोबाइल बजा।
रेखा बोली- मेरे पति का है !
मैंने लण्ड बाहर खींच लिया तो रेखा बोली- घुसाए रखो ! निकालते क्यों हो? तुमसे चुदते हुए पति से बतियाने का मज़ा ही अलग है।
मैंने उसकी चूत में लण्ड दुबारा घुसा दिया, धीरे धीरे मेरा लौड़ा उसकी चूत चोद रहा था। रेखा ने फ़ोन उठा लिया।
रेखा फ़ोन पर बोली- डार्लिंग कैसे हो?
रेखा ने स्पीकर फ़ोन ऑन कर दिया था। उधर से एक पप्पी की आवाज़ आई और उसके पति ने कहा- रानी, मुझे तो तुम्हारे बिना नींद नहीं आ रही ! लौड़ा हाथ में पकड़े हुए हूँ। तुम क्या कर रही हो? रेखा बोली- चुदवा रही हूँ ! चूत में लण्ड डलवा रखा है ! मज़े कर रही हूँ ! तुम्हारे से दुगना बड़ा है हरामी का ! पूरी चूत फाड़ रखी है कुत्ते ने।
उसके पति ने पूछा- कहाँ से पकड़ लिया?
रेखा बोली- सड़क पर अँधेरे में खड़ी हो गई थी ब्लाउज के बटन खोल कर ! साले ने 5000 में ख़रीदा है।
"कुतिया, तुझे एड्स हो जायेगा।"
रेखा बोली- अच्छी बात है। मर जाऊँगी, चूत की खाज़ तो मिटेगी साले ! लेकिन तुझे भी साथ लेकर मरूँगी।
उनकी बातें सुन कर मेरा लण्ड उसकी चूत थोड़ी तेजी से चोदने लगा।
रेखा बोली- रण्डी बना दिया है तूने ! पहले तेरी मूंगफली से ही खुश हो लेती थी। अब तो तू महीने में बीस-बीस दिन बाहर रहने लगा है, कितने दिन तक बैंगन डालूँगी चूत में?
उसका पति बोला- रानी, इस बार माफ़ कर दो, अगला टूर दो महीने बाद है।
रेखा बोली- ओह ! ओह ! यानी अब दो महीने तक तुम्हारी बीवी बनकर रहना पड़ेगा? हैं? लेकिन अब तो मुझे मोटे मोटे लण्डों से चुदने की आदत पड़ गई है। अच्छा, अब सो जाओ ! मुझे चुदवाने दो बहुत मज़ा आ रहा है !
रेखा ने फ़ोन काट दिया। मैंने उसकी चूची दबाते हुए तेज धक्कों से उसे चोदना शुरू कर दिया।
रेखा बोली- साला अभी एक बार और फ़ोन करेगा।
दो मिनट बाद ही घंटी फिर आ गई। मैंने रेखा को पूरा मसल रखा था, उसने फ़ोन उठाया और बोली- भोंसड़ी के ! नींद नहीं आ रही तुझे?
उसका पति बोला- डार्लिंग, तुम्हारी बातें सुनकर लण्ड चूत में डालने का बहुत मन कर रहा है।
रेखा बोली- डाल दे हरामी !
मेरा लण्ड उसकी चूत में दौड़ ही रहा था, रेखा अब चुदाई की आह ऊह आह भरने लगी और अपने पति से बोली- मज़ा आ रहा है ! वाह, क्या चोदा है तूने ! चल हरामी अब सो जा।
उसका आदमी बोला- रानी, तुम्हारी पप्पी के बिना कहाँ नींद आएगी?
रेखा मुस्कुराते हुए बोली- कहाँ चाहिये?
वो बोला- मुझे नहीं, तुम्हारे शेर को चाहिए !
रेखा ने एक पुच की आवाज़ की और बोली- लो मिल गई, अब सो जाओ।
और उसने फ़ोन काट दिया और अपनी गर्दन घुमा कर मेरे होंठों में अपने होंठ डाल दिए। इसके बाद मैंने रेखा को उल्टा किया और उसकी गाण्ड से लण्ड छुलाते हुए लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया और जोर के धक्कों के साथ उसकी चुदाई शुरू कर दी। रेखा पूरे मज़े लेते हुए अब लण्ड से चुद रही थी। मैंने पीछे से रेखा की चुदाई करीब आधे घंटे लण्ड तेज और धीरे करते हुए की और उसकी चूत अपने वीर्य से भर दी. रेखा इस बीच मस्ती भरी आहें भरती रही, इसके बाद दो बजे रात को हम सो गए।
सुबह सात बजे रेखा उठी और मेरे लण्ड को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी चूत से लगाने लगी, बोली- सच राजीव ! तुमने तो कल रात मुझे मस्त कर दिया ! एक बार और चोद दो, पता नहीं दुबारा कब चुदने को मिले?
और उसने मुझसे चिपक कर मेरा लण्ड अपनी चूत में घुसा लिया।
तभी सरीना कमरे में आ गई और मुस्कुरा कर बोली- अरे ! उठते ही शुरू हो गई? सच राजीव का लण्ड है ही इतना सुन्दर ! चोदो कुतिया को ! कल इसके अतुल ने रात में दो बार मेरी गाण्ड और दो ही बार मेरी चूत फाड़ी ! तुम इसे चोदो, मैं अतुल को बुला कर लाती हूँ और दिखाती हूँ कि चुदाई कैसे होती है। इसे अपनी गोद में बैठा कर चोदो ताकि यह सामने शीशे में अपनी चूत में लण्ड घुसता हुआ देख सके और मस्तियाए।
मुझे सरीना की बात सही लगी, मैंने पलंग से टेक लगा ली और रेखा को अपने लण्ड पर बैठने को कहा।रेखा गर्मा रही थी, वो मेरे लण्ड पर चढ़ गई, थोड़ा नींद में होने के कारण उसकी चूत में लण्ड घुस नहीं पा रहा था, सरीना ने उसकी चूत चौड़ी की और अपने हाथ से पकड़ कर मेरा लण्ड उसकी चूत में घुसा दिया। अब रेखा का मुँह पलंग के सामने लगे शीशे की तरफ था अपनी चूत में घुसा लण्ड वो आराम से देख सकती थी।
रेखा को मैंने अपने लण्ड पर उछालना शुरू कर दिया और उसकी चूचियाँ कस कस कर मसलने लगा। अपनी चुदती हुई चूत वो आराम से शीशे में देख रही थी, सामने शीशे में अपने को चुदते हुए देखकर रेखा शर्माने का नाटक करने लगी।
मैंने उसके दोनों हाथ अपने गले के पीछे ले जाकर बांध लिए और बोला- कुतिया, रंडी ! जरा अपनी गेंदें तो देख धक्के लगने से ऐसे उछल रहीं हैं जैसे कि निकल कर इस शीशे पर ही गिर जाएँगी।
रेखा बोली- जरा इनकी घुन्डियाँ मसल दो, आज सारे मज़े ले लेने दो ! क्या हसीं सुबह है।
मैंने उसकी दोनों घुण्डियों को उँगलियों से उमेठना शुरू कर दिया और रेखा बेशर्म होकर मेरे लौड़े पर उछलने लगी और सिसकारियाँ भरने लगी।
सरीना अतुल के साथ अंदर आ गई थी और एक तरफ खड़े होकर यह सब देख रही थी, दोनों पूरे नंगे थे अतुल का लौड़ा तन रहा था।
सरीना ने ताली बजाते हुए कहा- वाह राजीव जी, मज़ा आ गया ! क्या अतुल जी के माल को चोदा है।
अब मैंने रखा को पलंग पर झुका दिया और घोड़ी बनी रेखा की चूत में अपना लण्ड दौड़ाया।
रेखा अतुल से बोली- अतुल, मेरे मुँह में लौड़ा डाल दो, सच में दो लण्डों से मज़ा दुगना हो जायेगा।
अतुल ने आगे बढ़कर अपना लण्ड उसके मुँह में ठोंक दिया। अब रेखा की चूत और मुँह दोनों में लण्ड चल रहे थे, सरीना देख देख कर मुस्कुरा रही थी।
सरीना बोली- अतुल जी, आपको मैंने गाण्ड मारने का मास्टर बना दिया है, एक बार हमें हमारी रेखा कुतिया की दुबारा गाण्ड मारकर दिखाओ, सच अपने शागिर्दों को दूसरे की बीवियों की मारते देखकर मुझे बहुत सुख मिलता है।
हम लोगों ने अपने लण्ड बाहर निकाल लिए। रेखा मुस्कुराते हुए पलंग पर गाण्ड ऊंची करके लेट गई। अतुल ने रेखा की गाण्ड में ऊँगली को गोल करके घुसा दिया और उसकी गाण्ड के छेद को चौड़ा कर के अपना लण्ड छुला दिया और उसमें अपना लण्ड घुसा दिया।
रेखा ऊई ऊह ओह करके चिल्ला उठी, लेकिन यह सरीना के सिखाने का असर था कि लण्ड गाण्ड में दो मिनट के अंदर पूरा घुस चुका था और अतुल एक अच्छे खिलाड़ी की तरह रेखा की गाण्ड चोदने लगा।
रेखा की मज़े से भरी सिसकारियाँ निकल रही थीं, बीच बीच में उसके चूतड़ों पर कस कर हाथ भी मार रहा था।
कुछ देर बाद अतुल रेखा की गाण्ड में लण्ड घुसाए बिस्तर पर गिर गया, उसने करवट ली तो रेखा उसके बदन के ऊपर थी, लण्ड रेखा की गाण्ड में घुसा हुआ था, उसने रेखा की टांगें चौड़ी कर दी थीं। सामने रेखा की फटी चूत खुली हुई थी, उसके नीचे गाण्ड में अतुल का लण्ड घुसा हुआ था और अतुल उसकी गाण्ड मार रहा था साथ ही साथ रेखा के चुचूक अतुल नोचे जा रहा था।
सरीना बोली- रेखा जी, आपको आज राजीव और अतुल के बीच सेंडविच बनवाती हूँ। राजीव, आप देख क्या रहे हो? इसकी चूत मारो, देखो, आपका इंतजार कर रही है।
मेरा लण्ड तना हुआ था, मैंने देर किये बिना अपना लण्ड रेखा की चूत में पेल दिया। अब रेखा के दोनों छेदों में लण्ड घुसे थे, अतुल और मैं दोनों रेखा को एक साथ चूत और गाण्ड में चोद रहे थे।
रेखा दर्द से चिल्ला रही थी, सरीना सिगरेट पीते हुए बोल रही थी- रेखा, ऐसा मज़ा घरेलू औरतों को बार बार नहीं मिलता ! चुदने के मज़े ले ले ! रंडी बनी बहुत सुन्दर लग रही है।
हम दोनों ने दस मिनट साथ साथ रेखा को चोदा फिर उसकी गाण्ड और चूत एक साथ वीर्य से भर दी।
हम सब लोग अब थके हुए बिस्तर पर लेट गए, सरीना चाय बनाने चली गई। चाय पीने के बाद रेखा सरीना से चिपक गई और बोली- सरीना, आपने मस्त कर दिया ! सच बहुत मज़ा आया। मैं आपको हमेशा याद रखूँगी।
सरीना मुस्कुराते हुए बोली- राजीव जी बहुत अच्छे आदमी हैं, इनका फ़ोन नंबर ले लो, कभी कभी इनसे भी चुदवाती रहना।
रेखा बोली- इनसे तो मुझे हर महीने चुदवाना है, इनके लण्ड ने जो मुझे चूत चुदाई का मज़ा दिया है वो तो मैं भूल ही नहीं सकती। लेकिन यह सब उमा और आपके कारण हुआ है। आई लव यू सरीना !
सरीना बोली- चलो आप लोग नहा धोकर तैयार हो जाओ और अपने घर जाओ ! अगले रविवार को, रेखा, मन हो तो मेरी खोली पर आना, वहाँ से होटल अमर ले चलूँगी, तीन-तीन अमीरजादों के लण्डों से मज़ा लेना एक साथ ! ऊपर से दस हजार रुपए और मिलेंगे।
इसके बाद अतुल और रेखा तैयार होकर एक बजे के करीब अपने घर के लिए निकल गए।
सरीना उनके जाने के बाद मेरे पास आई और आँख मारते हुए मुस्कुरा कर बोली- राजीव जी, मज़ा आ गया?
मैंने कहा- सच सरीना ! आज जितना मज़ा कभी नहीं आया।
सरीना हँसते हुए बोली- अब कल के मैच के लिए तैयार हो जाइये ! कल आपको रुचि जी को बजाना है, रुचि आपकी सहेली है, प्यार से उनकी लेना ! उन्होंने आज तक अपने पति के अलावा किसी और से नहीं चुदवाई है।
मैंने पूछा- कल कितने बजे अतुल जी के यहाँ जाना है?
सरीना मुस्कुराते हुए बोली- आप भी कितने सीधे हैं? अगर अतुल जी के यहाँ रुचि गई तो अतुल जी भी तो रुचि की चोद देंगे ! आपने भी तो उनके माल की खूब मारी है। कल आपको मैं उमा की खोली में ले चलूँगी, वहाँ रुचि आपको मिलेगी, वहीं उसकी चूत आप मारना और लण्ड चुसवाना। उमा 50 साल की है और वो दस साल रंडी रह चुकी है, वो आपको और रुचि को चुदाई के बढ़िया गुर सिखाएगी और रुचि को लण्ड का शौकीन बना देगी।
इसके बाद सरीना मुझे एक पप्पी देकर अपने घर चली गई।
अगले दिन सरीना बारह बजे आ गई उसके साथ ऑटो करके मैं धारावी में उमा की खोली पर आ गया। उमा एक 50 साल की औरत थी। अंदर रुचि एक गरीबों जैसी साड़ी पहन कर बैठी थी। उमा चाय बना लाई।
सरीना ने बताया कि उमा इसे अपनी भतीजी बना कर लाई है।
रुचि मुझे देखकर शरमा रही थी।
उमा बोली- इतना क्यों शरमा रही हो? फ़ोन पर तो बात कर चुकी हो ! तुम्हारा पुराना यार है। लो चाय पियो !
रुचि मुझे देखकर अब भी शरमा रही थी, हम चार लोग ही कमरे में थे।
उमा रुचि की तरफ देखते हुए सरीना से बोली- बहुत शरमा रही है, कल 12 बजे से पहले नहीं छोडूंगी तेरी चूत की भोंसड़ी बनवानी है, थोड़ी देर और शरमा ले।
उमा बोली- सरीना, यह बहुत शर्मीली है, इसे सबके सामने नंगा करवाऊँगी और चुदवाऊँगी, नहीं तो कुतिया स्मार्ट नहीं बन पाएगी।
रुचि शरमाते हुए मुस्कुरा रही थी।
कहानी का अगला भाग "रुचि का शिकार" जल्दी आपको पढ़ने को मिलेगा।

रेखा- अतुल का माल-3

लेखिका : उषा मस्तानी
रेखा सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। अतुल भी बेसुध हो रहा था, मेरा लण्ड खाली हो गया था लेकिन मुझे लग रहा था कि मुझे रेखा की गाण्ड और चोदनी चाहिए।
मेरा लण्ड चुदी हुई रेखा को देखकर दुबारा खड़ा हो रहा था।
सरीना बोली- रेखा और अतुल, आप आराम करिए मैं और राजीव आपके लिए अनार का जूस लाते हैं।
मैं और सरीना जूस लेने बाहर आ गए।
सरीना और मैं नंगे थे। सरीना ने रसोई में आते ही मेरा लण्ड मुँह में ले लिया और चूसते हुए बोली- पहले तुम मुझे चोद दो ! मेरी चूत चुदाई देख देख कर बहुत खुजला रही है।
किचन के पत्थर पर टाँगे चौड़ी करके सरीना इस तरह झुक गई कि उसकी चूत में आराम से घुसाया जा सकता था। मेरी चोदने की इच्छा तो रेखा की थी पर सरीना को मैं नाराज नहीं कर सकता था। मैंने अपना आठ इंची लण्ड सरीना की चूत में डाल दिया और सरीना को चोदने लगा। चुदते चुदते सरीना अनार के दाने निकालने लगी और जूस बनाने लगी। सरीना को पता था कि कैसे चुदा जाता है। किसी भी मर्द को इस तरह चुदाई की गुरु औरत चोदने में दुगना मज़ा देती है। मुझे भी उसे चोदने में मस्त मज़ा आ रहा था। जूस तयार होने के पाँच मिनट बाद मेरा लण्ड उसकी चूत में खाली हो गया।
सरीना और मैं चार ग्लास जूस बना कर कमरे में आ गए। हम सब नंगे थे, शर्म सबकी छूट गई थी, सबने साथ साथ जूस पिया।
रेखा ने उठकर सरीना को बाँहों में भरा और बोली- सरीना, सच बहुत मज़ा आया, आप नहीं होतीं तो यह अतुल कुत्ता गाण्ड का मज़ा न खुद लेता और न मुझे दे पाता। सच आज जन्नत का मज़ा आया जब अतुल ने मेरी गाण्ड में शताब्दी दौड़ाई तो मुझे ऐसा लगा कि गाण्ड मरवाते मरवाते मर ही न जाऊँ ! सच, बता नहीं सकती कि कितना मज़ा आ रहा था। सरीना, सच मेरी प्यारी सरीना, आज तुम न होतीं तो इतना मज़ा नहीं आता।
सरीना रेखा की चूचियाँ सहलाती हुई बोली- अरे रानी, सेक्स में बहुत मज़ा है ! अभी तो तुमने दो लण्डों का स्वाद थोड़ा सा ही चखा है। जब साथ साथ चूत और गाण्ड में घुसेंगे, तब देखना कितना मज़ा आएगा। अभी तो और मज़े करवाऊँगी बस तू रण्डी बन कर मज़े ले।
अतुल बोला- सरीना जी, मेरा लण्ड तो इसकी गाण्ड में घुस कर चोट खा रहा था, देखिये पूरा लाल हो रहा है।
सरीना ने एक पप्पी अतुल के सुपारे पर ली और बोली- राजा, मज़े भी तो खूब लिए हैं। थोड़ी चोट लग भी गई है तो क्या हुआ। अभी तो इसे रात भर बैटिंग करनी है। रेखा जी भी जब चलेंगी तो इनकी गाण्ड दुखेगी।
रेखा के चुचक नोचते हुए सरीना बोली- राजीव जी का लण्ड गाण्ड में और डलवा लेना फिर कभी गाण्ड फटवाने में दर्द नहीं होगा।
रेखा बोली- नहीं बाबा नहीं ! राजीव का लण्ड अगर घुस गया तो मैं तो मर जाऊँगी।
सरीना हँसते हुए बोली- लण्ड से औरतें मरने लगतीं तो दुनिया कब की खत्म हो गई होती, चलो अब गर्म पानी से नहा लो। रात में दोनों यहीं रुकना, पति का फोन आएगा तो बाथरूम में जाकर सुन लेना।
दोनों रात को रुकने के लिए राज़ी हो गए। रेखा नहाने चली गई।
नहा कर जब रेखा बाहर आई तो बोली- सरीना जी, सच मेरी गाण्ड तो बहुत दुःख रही है, हाय, मुझे तो एसा लग रहा है 2-3 दिन मैं ठीक से नहीं चल पाऊँगी।
सरीना मुस्कुराते हुआ बोली- रेखा जी, आप सही कह रही हैं, यह दर्द 5-6 दिन में सही होगा। और कोई भी औरत जो गाण्ड मरवाती होगी दूर से आपकी चाल से समझ जाएगी कि आपकी गाण्ड मारी गई है। इस दर्द को थोड़ा कम करने के लिए मेरी समझ से आप अपनी चूत किसी लबे और मोटे लण्ड से मरवाएँ लेकिन प्यार से। अगर आप बुरा न मानें तो रात को राजीव जी के साथ सोयें वो प्यार से रात में आपकी सिर्फ चूत मारेंगे और सुबह आपको दर्द कम लगेगा।
रेखा बोली- राजीव जी का लण्ड बहुत सुन्दर है। मेरा खुद उनसे और चूत मरवाने का मन कर रहा है। अपने पति के अलावा अब तक मैंने सिर्फ़ चार लण्डों से चुदवाया है। उन सब में राजीव का लण्ड बहुत सुन्दर और सबसे बड़ा है। सच सरीना जी, मुझे चुदवाओ, आज मैं सारे मज़े लेना चाहती हूँ, कल हो या न हो, मेरे पति भी दस दिन बाद आएँगे, फिर पता नहीं इतनी आज़ादी कब मिलेगी !
और रेखा चूत मरवाने को राजी हो गई।
सरीना ने मुझे समझा दिया कि रात मैं सोने के समय रेखा की प्यार से कई आसनों से चूत मारूँ और सुबह 5 बजे तक प्यार से चोदूँ और अपने लण्ड को रेखा की चूत में ज्यादा से ज्यादा घुसा कर रखूँ ।
सरीना अतुल से बोली- अतुल जी, आपको गाण्ड मारने के अभी और गुर सिखाने हैं, आज रात मुझे आपके साथ सोना पड़ेगा नहीं तो अकेले में आप किसी औरत की गाण्ड नहीं मार पाएंगे। आप तो रेखा की चूत पिछले एक साल से मार रहे हैं, आज इस कुतिया को थोड़ा राजीव जी से बज लेने दें।
अतुल बोला- सरीना, मुझे गाण्ड मारना सीखना है मुझे आपके साथ ही सोना है।
सरीना और अतुल दूसरे कमरे में चले गए। मैं रेखा के साथ था। रेखा अब मेरे बेडरूम में थी।
उनके जाते ही वो पलंग पर लेट गई और मैं भी उसके बगल में लेट गया।
मुझसे चिपकते हुए बोली- राजीव जी, गाण्ड बहुत दुःख रही है हम दोनों ने करवट ली और एक दूसरे के होंठों में होंठ डालकर चूसने लगे। मेरा लण्ड उसकी चूत के होंठों पर छू रहा था। रेखा को प्यार से मैंने भींच लिया उसकी चूत के होटों को छू-छू कर मेरा आठ इंच लम्बा लण्ड पूरा कड़क हो रहा था।
मैंने रेखा को सीधा किया और धीरे धीरे से पूरा लण्ड उसे चूमते हुए उसकी चूत में सरका दिया। अब मेरा लण्ड उसकी चूत में घुसा हुआ था। रेखा की चूत थोड़ी फटी हुई थी इसलिए लण्ड आराम से घुस गया।
रेखा मेरे होंठ चूसते हुए बोली- सच, आज तो बहुत मज़ा आ रहा है। मेरी कामवाली उमा ने मुझे चुदने का शौकीन बनाया है, बिना चुदे नहीं रह पाती। अतुल से उमा ने ही मेरी दोस्ती कराई थी। सच अतुल ने ही मुझे सिखाया है कि असली चुदाई क्या होती है। हम दोनों महीने में दो बार उमा के घर पर चुदाई का मज़ा लेते हैं। उमा ने अपने नासिक वाले भाई से भी मुझे 2-3 बार चुदवाया है। मेरा पति चोदता तो अच्छा है लेकिन 4-5 साल एक ही लण्ड से चुदने से मैं बोर हो गई थी।
रेखा अब खुल गई थी, मस्ती में बोलती जा रही थी- एक दिन उमा ने मुझे चूत में बैंगन करते हुए देख लिया तब मैंने उसे बताया की मेरी चूत कुछ नया मज़ा चाहती है। इसके बाद उमा ने मेरी दोस्ती अतुल से कराई। 3-4 महीने दोस्ती के बाद पहली बार अतुल से चुदी। मेरी यह पहली गेर मर्द से चुदाई थी। सच, इनसे छुप छुप कर चुदवाती हूँ, इसका अलग ही मज़ा है। एक बार मेरा कुछ अलग मज़ा करने का मन कर रहा था तो उमा मुझे कल्याण अपने मौसाजी के पास ले गई, वहाँ पर उसके मौसाजी ने उमा और मुझे 4-5 घंटे अपने बिस्तर पर नंगा लेटाया और हम दोनों की चूत मारी। सच बुड्ढे 55 साल के मौसा से चुदवाने का अलग ही मज़ा आया।
इसके बाद उसने कहा- राजीव जी, आपका लौड़ा बहुत सुंदर है, इसे मेरी चूत में घुसाए रखो ! सच में बड़ा मज़ा आ रहा है।
मेरा लण्ड रेखा की चूत फाड़े हुए था। मेरा मन अब उसकी सुरंग में धक्के मारने को कर रहा था। रेखा भी आगे पीछे होकर चुदने का मज़ा ले रही थी एक शांत चुदाई सी चल रही थी।
थोड़ी देर बाद रेखा बोली- राजीव, पीछे से अपने शेर को चूत में घुसा दो और इसे चोद दो ! अब रहा नहीं जा रहा है !
मैंने रेखा को घुमा के तिरछा किया और दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबा ली और चूत में पीछे से लण्ड घुसा दिया। मेरा लण्ड उसकी चूत में घुस गया था। धीरे-धीरे से उसकी छोटी छोटी चूचियाँ दबाते हुए मैंने रेखा की चूत चोद रखी थी। आनन्द से भरपूर उसकी सिसकारियाँ गूँज रही थी।
इस बीच रेखा का मोबाइल बजा।
रेखा बोली- मेरे पति का है !
मैंने लण्ड बाहर खींच लिया तो रेखा बोली- घुसाए रखो ! निकालते क्यों हो? तुमसे चुदते हुए पति से बतियाने का मज़ा ही अलग है।
मैंने उसकी चूत में लण्ड दुबारा घुसा दिया, धीरे धीरे मेरा लौड़ा उसकी चूत चोद रहा था। रेखा ने फ़ोन उठा लिया।
रेखा फ़ोन पर बोली- डार्लिंग कैसे हो?
रेखा ने स्पीकर फ़ोन ऑन कर दिया था। उधर से एक पप्पी की आवाज़ आई और उसके पति ने कहा- रानी, मुझे तो तुम्हारे बिना नींद नहीं आ रही ! लौड़ा हाथ में पकड़े हुए हूँ। तुम क्या कर रही हो? रेखा बोली- चुदवा रही हूँ ! चूत में लण्ड डलवा रखा है ! मज़े कर रही हूँ !
कहानी जारी रहेगी।

रेखा- अतुल का माल-2

लेखिका : उषा मस्तानी
सरीना अतुल से बोली- अतुल जी, रेखा गाण्ड मरवाने को तैयार है। आप उसकी गाण्ड प्यार से मारिएगा। अकेले आप गाण्ड नहीं मार पाएंगे। रेखा आपकी बीवी तो है नहीं, इसलिए अपने माल का मज़ा राजीव जी को देंगे तभी आप गाण्ड मारने में सफल हो पाएंगे और एक बार आपने औरतों की गाण्ड मारना सीख ली तो आप कई औरतों को खुश कर सकते हैं।
अतुल सरीना से धीरे से बोला- कुतिया को कोई भी चोद दे, मुझे कोई दिक्कत नहीं ! लेकिन मुझे आज गाण्ड मारना सीखना है क्योंकि मैंने अपने दो दोस्तों की बीवियों को बताया हुआ है कि मैं गाण्ड मारने का खिलाड़ी हूँ और उनमें से एक की दो दिन बाद मुझे गाण्ड मारनी है, दूसरी अगले महीने जब मेरा दोस्त सिंगापुर जाएगा, तब मरवाएगी। अगर मैं उनकी गाण्ड नहीं मार पाया तो मैं किसी को मुँह नहीं दिखा पाऊँगा।
सरीना बोली- मैं आपको गाण्ड का खिलाड़ी बना कर भेजूँगी। आप जब रेखा की गाण्ड मारें तब राजीव जी उसे लौड़ा चुसवाएंगे।
सरीना ने हमें कुछ बातें सिखाईं, अब रास्ता साफ़ था, अतुल के माल रेखा को अब मैं बजा सकता था।
हम सब लोग कमरे में आ गए।
सरीना रेखा से बोली- आप अतुल का लण्ड धीरे धीरे चूसें, साथ ही साथ राजीव आपकी चूत को चोदेगा। दो-दो लण्डों का मज़ा जब आप लेंगी तो गाण्ड मरवाने में दिक्कत नहीं आएगी।
अतुल ने अपना लण्ड रेखा के मुँह में डाल दिया। मैंने रेखा की चूत अपनी 3-4 उँगलियों से सहलानी शुरू कर दी, उसकी चूत के दाने पर मेरी रगड़ तेज होती जा रही थी। हम तीनों सेक्स का आनन्द ले रहे थे।
एक मिनट के बाद रेखा लण्ड मुँह से बाहर निकालते हुए बोली- चोदिये ना ! बहुत खुजली हो रही है।
सरीना इसी का इंतजार कर रही थी, बोली- राजीव जी, अब इसकी चूत फाड़ दीजिए।
मैंने बिना देर किये रेखा की गीली चूत में अपना लण्ड घुसा दिया। सरीना के कहे अनुसार चूचियाँ दबाते हुए तेज धक्कों के साथ मैंने रेखा को चोदना शुरू कर दिया था। अतुल ने सरीना के इशारे पर अपना लण्ड निकाल लिया था।
रेखा की चूत में आज पहली बार आठ इंची मोटा लण्ड घुसा था, वो ऊई आह ! मर गई ! फट गई ! की आवाज़ करती हुई मुझसे चुद रही थी।
सरीना अतुल से बोली- अब इसकी चुदाई के बाद आप इसकी गाण्ड में अपना लण्ड पेलना। मोटे लण्ड से चुद रही है अब इसे गाण्ड में दर्द भी कम लगेगा।
रेखा को कुछ देर चोदने के बाद मैंने सरीना के इशारे पर लण्ड बाहर निकाल लिया सरीना ने मेरा लण्ड रेखा की गाण्ड पर छुला दिया और बोली- राजीव जी थोडा सा इसकी गाण्ड में ठोक कर अपने वीर्य से इसकी गाण्ड भर दो !
मैंने रेखा की गाण्ड में लण्ड घुसा दिया। मैं प्यार से उसकी गाण्ड ठोंक रहा था रेखा दर्द से चिल्लाने लगी थी बड़ी मुश्किल से एक इंच मेरा मोटा लण्ड घुसा होगा। उसके बाद मेरे 2-3 छोटे धक्कों के बाद रेखा की गाण्ड वीर्य से नहा गई। इसके बाद एक गीले कपड़े से मैंने अपना लण्ड पौंछा और सरीना के पास बैठ गया। रेखा बिस्तर पर उल्टी लेट गई थी। उसके चेहरे से चुदाई की ख़ुशी दिख रही थी। उसकी गाण्ड में अंदर तक मेरा वीर्ये घुसा हुआ था।
पाँच मिनट के आराम के बाद सरीना ने रेखा के बालों पर हाथ फिराया और बोली- चलो उठो और अब अपनी गाण्ड अपने यार से फटवाओ ! आज रात मज़े की रात है !
रेखा को कोहनी के बल सरीना ने लिटाया और उसके मुँह में पहले मेरा लण्ड डलवा दिया और रेखा को धीरे धीरे लण्ड के आगे के हिस्से को चूसने को कहा। कुछ देर बाद सरीना के इशारे पर मेरा लण्ड अंदर तक उसके मुँह में चलने लगा। अतुल ने रेखा की गाण्ड पर लण्ड छुला दिया था। २ इंच के करीब रेखा की गाण्ड पहले ही फाड़ दी गई थी और मेरे वीर्ये से रेखा की गाण्ड चिकनी भी हो रही थी इसलिए अतुल का पाँच इंची लण्ड आधे से ज्यादा घुस गया था। मैंने थोड़ी देर के लिए लण्ड निकाल लिया और उसकी चूचियाँ दबाते हुए उसे कस कर पकड़ लिया अतुल धीरे धीरे रेखा की गाण्ड ठोक रहा था, रेखा चिल्ला रही थी, उसकी आँखों से पानी गिर रहा था, मेरी पकड़ मजबूत थी इसलिए वो लण्ड निकाल नहीं पा रही थी।
सरीना चिल्ला रही थी- साली रंडी ! अंदर लेने की कोशिश कर ! बाहर क्यों निकाल रही है?
सरीना ने उसके बाल कस कर खींचना शुरू कर दिए और अतुल पर चिल्लाते हुए बोली- थोड़ा सा बच रहा है, जल्दी घुसा दे।
अतुल पूरी ताकत से लण्ड अंदर पेलने लगा थोड़ी देर में अतुल का पाँच इंची लण्ड पूरा गाण्ड में घुसा हुआ था। सरीना ने रेखा के बाल अब सहलाने शुरू कर दिए और बोली- अब तेरी गाण्ड में पूरा घुसा हुआ है, आराम से गाण्ड मरवा और मज़े कर ! शुरू में सबके दर्द होता है। राजीव जी का लण्ड तेरे मुँह के आगे है मन करे तो चूस लियो, दुगना मज़ा आएगा।
अतुल ने धीरे धीरे उसकी गाण्ड गोदनी शुरू कर दी थी। रेखा हूँ हूँ की सिसकारी भर रही थी। थोड़ी देर में अतुल ने गाण्ड बजाना शुरू कर दिया अब रेखा की गाण्ड अच्छी तरह बज रही थी, रेखा की चिल्लाने की आवाजें गूँज रही थी। रेखा मस्ती से गाण्ड मरवा रही थी और चिल्ला रही थी। मेरा लण्ड रेखा के मुँह के आगे उछालें मार रहा था।
सरीना ने मुझे इशारा किया और बोली- अब साली को मसल दो।
मैंने आगे बढ़कर लण्ड मुँह में डाल दिया और उसकी चूचियों को कस कस कर हाथों से दबाने लगा। अब रेखा की गाण्ड गुद रही थी और मुँह में मेरा लण्ड चल रहा था। चूचियों की मालिश और चुचूक नोचते हुए मैं उसको अपना लण्ड चुसवा रहा था, रेखा को बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने थोड़ी देर के लिए लण्ड बाहर निकाल लिया और उसके मुँह के आगे खड़ा कर दिया तो रेखा बोली- ऊह ऊहं ! मत निकालो !
और उसने आगे बढ़कर फिर मुँह में लण्ड डाल लिया। सरीना दूर से रेखा की गुदती गाण्ड और लण्ड चुसाई का मज़ा ले रही थी।
सरीना बोली- राजीव जी, इसने लण्ड चूस तो बहुत लिया अब इसके मुँह में प्यार से लण्ड ठोक दो, बेचारी चूस चूस कर थक थक गई होगी।
मैंने रेखा के बाल पकड़े और धीरे धीरे उसके मुँह में लण्ड पेलना शुरू कर दिया। इधर अतुल प्यार से धीरे धीरे उसकी गाण्ड ठोके जा रहा था। बीच में अतुल बोला- सरीना जी मज़ा आ गया। रेखा की गाण्ड और मुँह दोनों में चुदाई चल रही थी, सरीना ने मेरी गाण्ड में ऊँगली की, मैंने लण्ड बाहर निकाल लिया।
रेखा पगला रही थी, बोली- और करो, मत निकालो ! ऊई ऊई मारो ! बड़ा मज़ा आ रहा है।
सरीना ने अतुल से कहा- अब साली की फाड़ दो ! पूरी गरम है !
सरीना ने टीवी चला दिया था, अतुल ने सरीना जी के इशारे पर लण्ड पूरी ताकत से रेखा की गाण्ड में ठोंक दिया रेखा पागलों की तरह चिल्ला रही थी- ऊह, आह ! मर गई ! फट गई ! निकालो निकालो !
लेकिन गाण्ड रेखा की अतुल ने गोदनी जारी रखी। रेखा पलंग पर फिसल गई अतुल उसकी कमर कस के पकड़ा हुआ था उसने रेखा की गाण्ड मारने की स्पीड तेज कर दी। रेखा चिल्लाए जा रही थी- छोड़ो मर गई ! अब नहीं ! फट गई ! मादरचोद ! निकाल कुत्ते ! मर जाऊँगी।
सरीना बोली- अब कुतिया की गुदी है !
अतुल की गाण्ड पर चोट जारी थीं, कुछ देर बाद सरीना ने अतुल से कहा- अतुल जी। प्यार से !
अब अतुल धीरे हो गया था, रेखा के बाल सहलाते हुआ सरीना ने कहा- रेखा, तुम एक बार फिर राजीव जी का लण्ड चूसो !
मैंने रेखा के मुँह में लण्ड घुसा दिया। उधर अतुल रेखा की गाण्ड चोद रहा था और रेखा मेरा लौड़ा लोलीपोप की तरह चूस रही थी। दो मिनट बाद अतुल ने अपने वीर्य की पिचकारी रेखा की गाण्ड में छोड़ दी और अपना लण्ड कुछ ही देर बाद बाहर निकाल लिया। रेखा की गाण्ड लण्ड से फट चुकी थी। यह सब देखकर मैं पूरा उत्तेजित था, मैंने भी अपनी पिचकारी रेखा के मुँह में छोड़ दी, रेखा का पूरा मुँह वीर्य से भर गया, उसने मेरा लण्ड रस पलंग पर उलट दिया और सीधी होकर पलंग पर बेसुध होकर लेट गई। अतुल भी बेसुध हो रहा था, मेरा लण्ड खाली हो गया था लेकिन मुझे लग रहा था कि मुझे रेखा की गाण्ड और चोदनी चाहिए।
मेरा लण्ड चुदी हुई रेखा को देखकर दुबारा खड़ा हो रहा था।
सरीना बोली- रेखा और अतुल, आप आराम करिए मैं और राजीव आपके लिए अनार का जूस लाते हैं।
मैं और सरीना जूस लेने बाहर आ गए।
कहानी जारी रहेगी

रेखा- अतुल का माल-1

लेखिका : उषा मस्तानी
आपने मेरी लिखी कहानी "हमारी नौकरानी सरीना "पढ़ी।
उसी को आगे बढ़ाते हुए अब अगला भाग "रेखा- अतुल का माल" पढ़िए।
दो बजने से 5 मिनट पहले ही घंटी बजी। सामने अतुल, उनकी पड़ोसन रेखा और सरीना खड़ी थीं। सरीना के हाथ मैं एक बैग था जिसमें कुछ कपड़े थे।
हम लोग अन्दर आ गए, सरीना ने मेरा परिचय अतुल और रेखा से कराया। रेखा एक सांवले बदन की 28-29 साल की छोटी-छोटी चूचियों वाली पतली दुबली महिला थी।
हमने कोल्ड ड्रिंक और चिप्स का नाश्ता किया।
फ़िर सरीना बोली- आप लोग कपड़े बदल लो !
बैग में से दो लुंगी निकाल कर उसने हमें दे दीं। सरीना ने दोनों के कान में कहा- आप अंदर जाकर सिर्फ लुंगी पहन लो !
हम लोग अंदर अपने सारे कपड़े उतार कर सिर्फ लुंगी पहन कर आ गए।
सरीना बोली- रेखा जी, आप थोड़ी शरमा रही हैं, आप साड़ी उतार दें और मैं आपको पेटीकोट ब्लाउज देती हूँ ! उन्हें पहन लें नहीं तो आपके कपड़े ख़राब हो जाएँगे, थोड़ी देर पेटीकोट-ब्लाउज में रहेंगी तो शर्म भी छूट जाएगी।
थोड़ा न-नुकुर के बाद रेखा ने अंदर जाकर कपड़े बदल लिए। अब वह गहरे गले के ब्लाउज और पेटीकोट में थी। पेटीकोट नाभि के नीचे बंधा था, रेखा का बदन चिकना और जवान था जिसने मेरा लण्ड खड़ा कर दिया था। हम लोग बेडरूम में आ गए थे। इसके बाद अतुल और मुझे सरीना ने एक एक हॉट ड्रिंक दे दी, थोड़ी सी उसने रेखा को दी थी। हम सब लोगों ने ड्रिंक पीना शुरू कर दी थी।
रेखा ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहने थी। अतुल रेखा के ब्लाउज में हाथ डाल कर उसकी छोटी छोटी चूचियाँ 5-5 बार दबा चुका था। रेखा उसका हाथ बार बार हटा देती थी।
सरीना रेखा के पास गई और बोली- इतना शरमाओगी तो रात का मज़ा कैसे लोगी? ब्लाउज उतार लो और इन छोटी छोटी संतरियों का जूस अतुल जी को पिलाओ तभी तो रात का पूरा मज़ा मिलेगा। सरीना ने पीछे जाकर उसके ब्लाउज के बटन खोल दिए और उसका ब्लाउज उतार दिया। रेखा की नरम नरम चिकनी और छोटी छोटी दूधिया चूचियाँ बाहर निकल आई थीं, मेरा और अतुल दोनों का लण्ड उछालें मार रहा था।
अतुल लुंगी ठीक से नहीं पहने थे, उनका लण्ड खड़ा हुआ था जो 5 इंच के करीब होगा, मेरा भी ८ इंची तना हुआ लण्ड लुंगी से बाहर निकलने को उतावला हो रहा था। अतुल रेखा से चिपक कर उसके गुलाबी होंठ चूमने लगा और साथ ही साथ उसके नंगे दूध कस कस कर मसल रहा था। अतुल की लुंगी खुलकर हट गई थी अब उसका नंगा लण्ड हम सब देख सकते थे।
सरीना ने आगे बढ़कर रेखा का हाथ अतुल के लण्ड पर रख दिया और रेखा से बोली- अब शर्म छोड़ दे और रंडी बन जा ! मजे कर ! शरमा नहीं ! आज दो-दो लण्डों से खेल सकती है ! ऐसा मौका शरीफ औरतों को रोज रोज नहीं मिलता है, तुझे चूत और गाण्ड का ऐसा मज़ा दिलवाऊँगी कि तू जिन्दगी भर याद रखेगी ! बस अब शराफत छोड़ दे और एक रात के लिए वेश्या बन जा।
अतुल ने रेखा की एक चूची मुँह में पूरी भर ली और दूसरी का चुचूक दबाने लगा। उसका छोटा सा 5 इंची लौड़ा रेखा मसल रही थी, मेरा लौड़ा तना हुआ था और मैं उसे लुंगी के ऊपर से सहला रहा था। सरीना ने मेरी लुंगी हटा दी थी मेरा ८ इंच लम्बा लण्ड अब सरीना के हाथों में था। सरीना उसे रेखा को दिखाती हुई सहला रही थी। रेखा चोर आँखों से मेरा लण्ड देख रही थी।
सरीना रेखा को गर्म करने के लिए मेरा लौड़ा चूसने लगी। मैं सरीना का पेटीकोट ऊपर उठाकर उसके नंगे चूतड़ों को मलने लगा। कुछ देर लण्ड चूसने के बाद सरीना उठी उसने अपना पेटीकोट और ब्लाउज उतार दिया अब वो पूरी नंगी थी। उसने आगे बढ़कर पलंग पर बेठी हुई रेखा के पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया और उसे हाथों से खींचकर उतार दिया। रेखा की नंगी चूत मेरी आँखों के सामने थी। मेरा लण्ड उसकी चूत देखकर कड़ा हुए जा रहा था। अतुल उसकी चूचियों से अब भी खेल रहा था। रेखा की नंगी खुली चूत मेरे लण्ड को चोदने का आमंत्रण दे रही थी।
सरीना ने मुस्कुरा कर मुझे देखा और धीरे से बोली- अभी पूरी रात बाकी है ! तुम भी जमकर इसकी चोदना लेकिन अभी थोड़ा सब्र करो !
और सरीना ने अतुल को आँख मारते हुए मेरा लौड़ा दुबारा मुँह में घुसा लिया।
अतुल उठा और उसने अपना लौड़ा भी रेखा के मुँह पर रख दिया। रेखा अतुल की गोद में लेटकर सरीना की देखादेखी उसे लबालब चूसने लगी। अतुल मेरे पास बैठा हुआ था, हम दोनों एक दूसरे को देखकर मुस्कुराए। मैंने अतुल से कहा- यार, थोड़ा अपना माल मुझे भी चखा देना।
अतुल बोला- साली की गाण्ड मार लूँ, फिर साथ साथ दोनों कुतियाओं को बजाएँगे।
मैंने कहा- सरीना को अपना लौड़ा चुसवाओ ! बहुत मस्त चूसती है।
अतुल ने लौड़ा रेखा के मुँह से निकल लिया सरीना ने भी मेरे मुँह से लण्ड निकाल दिया और रेखा को हटाकर अतुल का लण्ड अपने मुँह में ले लिया। मैंने रेखा को अपनी तरफ खींच लिया और उसके मुँह पर अपना लण्ड रख दिया, रेखा बोली- आपका तो बहुत बड़ा है?
मैंने उसके कान में कहा- मुँह में रखो मज़ा भी बड़ा देगा।
रेखा गर्म हो चुकी थी, उसने मेरा लण्ड अपने मुँह में ठूंस लिया। अब दोनों औरतें अतुल और मेरा लण्ड मस्त होकर चूस रहीं थीं। रेखा की चूचियाँ भी अब मेरे हाथों में खेल रही थीं।
थोड़ी देर बाद सरीना ने अतुल का लण्ड अपने मुँह से निकाल दिया और रेखा के मुँह से भी मेरा लण्ड हटा दिया। अतुल रेखा की चूत पर हाथ फेरते हुए बोला- राजीव, वाकई सरीना जी ने तो आज सच लौड़ा चूसने का असली मज़ा दिया। यह मेरी कुतिया तो चूसना जानती ही नहीं, सिर्फ मुँह आगे पीछे करती है।
सरीना मुस्कुराते हुए बोली- आपकी माल को आज सब सिखा दूंगी। अब इसकी थोड़ी चूत की सेवा कर दीजिये, हरामिन की चुदने को कुलबुला रही है।
अतुल उठा और उसने रेखा की टांगें चौड़ी करके उसमें अपना लण्ड घुसा दिया। रेखा की चूत बजने लगी, सरीना ने भी मेरा लण्ड अपनी चूत में डलवा लिया था।
अब पलंग पर दोनों औरतों की चुदाई चल रही थी, कमरा ऊहाह ऊहाह की आवाज़ों से गूँज रहा था। थोड़ी देर बाद दोनों की चूतें गाढ़े वीर्य से नहाई हुई थीं।
सरीना रेखा से बोली- अपने यार का लौड़ा चाट ले ! बहुत स्वादिष्ट लगता है वीर्य चोदने के बाद !
रेखा को दिखाते हुए सरीना ने मेरे सुपाड़े पर अपनी जीभ फिरा दी। रेखा ने भी अतुल का लण्ड थोड़ी देर चाटा। इसके बाद 5 मिनट तक हम चारों बिस्तर पर पस्त हो गए।
थोड़ी देर के लिए मैं और सरीना बाहर आ गए थे। दस मिनट बाद सरीना ने दो हॉट ड्रिंक बना ली एक उसने अतुल को दी और एक रेखा को। अतुल का लण्ड ठंडा हो रहा था। मैंने लुंगी बाँध ली थी। सरीना बोली- यह लीजिये अतुल जी, आज आपकी पीछे से सवारी की इच्छा भी पूरी हो जाएगी।
अतुल ने पूरी ड्रिंक ली। थोड़ी सी सरीना ने रेखा को भी पिलाई। इसके बाद एक पतली मोमबत्ती पर सरीना ने कंडोम चढ़ाया और अतुल से बोली- अतुल जी थोडा घोड़े को रेखा जी के मुँह में डालिए। इसके बाद सरीना ने एक पतली ट्यूब रेखा की गाण्ड में घुसा दी, रेखा ऊई करती हुई बोली- निकालो दर्द हो रहा है।
सरीना ने ट्यूब पिचका कर पूरी निकाल ली और बोली- दर्द तो जब अतुल तेरी मारेंगे तब पता चलेगा ! और राजीव जी ने घुसा दिया तो दो दिन तक ठीक से नहीं चल पाएगी तू।
सरीना के इशारे पर अतुल ने दो उँगलियाँ रेखा की गाण्ड में घुसा दीं।
सरीना बोली- पूरी अंदर तक गाण्ड में घुसा कर अच्छी मालिश कर दीजिये मेमसाहब की ! नहीं तो गाण्ड नहीं मार पायेंगे।
अतुल की उँगलियाँ रेखा की गाण्ड में आगे-पीछे होने लगीं। दो मिनट तक अतुल ने उँगलियाँ आगे-पीछे की, उसके बाद सरीना ने मोमबत्ती अतुल के हाथ में दे दी और बोली- अब मोमबत्ती से इसकी गाण्ड चोदिये।
2-3 मिनट तक रेखा लेटी हुई चुपचाप लण्ड चूसती रही और अतुल मोमबत्ती उसकी गाण्ड में आगे पीछे करता रहा। 5 मिनट के बाद अतुल ने लण्ड निकाल लिया अब रेखा की गाण्ड लण्ड से गुदनी थी।
सरीना ने पलंग पर एक मोटा गद्दा बिछा दिया और रेखा से बोली- अपनी गाण्ड एक बार मरवा ली तो चूत का मज़ा भूल जाएगी ! प्यार से मरवाना ! शुरू में दर्द होगा, बाद में तो मज़ा आना है। अतुल जी का लण्ड तो छोटा है, झेल लेगी, जिनकी गाण्ड बड़े लण्ड से फटती है वो तो कई बार बेहोश हो जाती हैं। चल अब जरा घोड़ी बन !
और रेखा के बाल सहलाते हुए सरीना ने उसे घोड़ी बना दिया।
रेखा घोड़ी बन गई थी और अपनी कोहनी बिस्तर पर लगा ली थी। अतुल ने उसकी कमर पकड़ के लण्ड उसकी गाण्ड में छुला दिया। सरीना ने अपने हाथ से अतुल का एक इंच लण्ड उसकी गाण्ड में घुसवा दिया।
सरीना मुस्कुराते हुआ बोली- अतुल जी, बचा हुआ लण्ड प्यार से इसकी गाण्ड में डालना और रेखा जी की प्यार से मारिएगा।
अतुल इसे मजाक समझा, उसने गाण्ड को चूत समझते हुआ एक तेज झटका मार दिया। लण्ड रेखा की गाण्ड में तेजी से घुसा तो रेखा बुरी तरह से चीख उठी और उसने तेज झटका गाण्ड को दिया, इस बीच लण्ड गाण्ड से निकल गया।
रेखा की आँखों में पानी आ गया था।
सरीना अतुल पर चिल्लाती हुई बोली- आप से मैंने कहा था न कि प्यार से मारिएगा।
रेखा बोली- न बाबा न ! मुझे गाण्ड नहीं मरवानी !
सरीना बोली- रेखा जी, आप थोडा आराम करें ! मैं अतुल जी को समझाती हूँ ! अबकी वो आपकी प्यार से मारेंगे। एक बार आपने गाण्ड मरवा ली तो बार बार मरवाना चाहेंगी। अतुल जी, आप रेखा जी को सॉरी बोलिए और मेरे साथ आइये, मैं आपको कुछ समझाती हूँ।अतुल ने रेखा से सॉरी बोली और अतुल को बाहर ले आई, मैं भी बाहर आ गया।
सरीना अतुल से बोली- अतुल जी, रेखा गाण्ड मरवाने को तैयार है। आप उसकी गाण्ड प्यार से मारिएगा। अकेले आप गाण्ड नहीं मार पाएंगे। रेखा आपकी बीबी तो है नहीं, इसलिए अपने माल का मज़ा राजीव जी को देंगे तभी आप गाण्ड मारने में सफल हो पाएंगे और एक बार आपने औरतों की गाण्ड मारना सीख ली तो आप कई औरतों को खुश कर सकते हैं।
अतुल सरीना से धीरे से बोला- कुतिया को कोई भी चोद दे, मुझे कोई दिक्कत नहीं ! लेकिन मुझे आज गाण्ड मारना सीखना है क्योंकि मैंने अपने दो दोस्तों की बीवियों को बताया हुआ है कि मैं गाण्ड मारने का खिलाड़ी हूँ और उनमें से एक की दो दिन बाद मुझे गाण्ड मारनी है, दूसरी अगले महीने जब मेरा दोस्त सिंगापुर जाएगा, तब मरवाएगी। अगर मैं उनकी गाण्ड नहीं मार पाया तो मैं किसी को मुँह नहीं दिखा पाऊँगा।
सरीना बोली- मैं आपको गाण्ड का खिलाड़ी बना कर भेजूँगी। आप जब रेखा की गाण्ड मारें तब राजीव जी उसे लौड़ा चुसवाएंगे।
सरीना ने हमें कुछ बातें सिखाईं, अब रास्ता साफ़ था, अतुल के माल रेखा को अब मैं बजा सकता था।
कहानी का अगला भाग जल्दी आपको पढ़ने को मिलेगा।

हमारी नौकरानी सरीना-2

लेखिका : उषा मस्तानी
सरीना आठ बजे तक काम करके चली जाती थी, आज नौ बज रहे थे। तभी फ़ोन की घंटी बजी, उधर से एक सुरीली सी आवाज़ आई- भाई साहब, मैं रूचि बोल रही हूँ आपकी पुरानी पड़ोसन !
मैंने अपना नंगा लण्ड सहलाते हुए कहा- रूचि जी, आप कैसी हैं? कहाँ से बोल रही हैं?
रूचि हँसते हुए बोली- अब हम नालंदा अपार्टमेन्ट में रहते हैं आपके यहाँ से थोड़ी दूर ही हैं, भाभीजी नहीं हैं क्या?
मैंने कहा- नहीं वो तो नहीं है !
रूचि बोली- मैं भी अकेली हूँ ! अच्छा, सरीना आपके यहाँ हो तो भाईसाहब बात करा दीजिए न ! कुछ बड़ा काम तो नहीं कर रही है क्या ?
मैं झेंपता हुआ बोला- अभो कराता हूँ !
सरीना पीछे आकर मुझसे चिपक गई थी, मैंने सरीना को फ़ोन दे दिया। सरीना की आवाज़ मुझे सुनाई दी, सरीना बोल रही थी- अच्छा मेमसाहब तो आज नहीं आना है? ठीक है, शाम को दे दूँगी !
फ़ोन रखने के बाद सरीना मुस्कुरा रही थी। मैं बोला- यह रूचि जी वही हैं न जो हमारे सामने रहती थीं और आशा की दोस्त भी थी?
सरीना आँखे मटका कर बोली- हाँ जी, यह वही हैं, जब यह अपनी बालकनी में कुछ उठाने आती थीं तो आप छुपकर देखा करते थे और जब कभी आपके घर आती थीं तो आप इनकी चूचियाँ घूर घूर कर देखते थे। आजकल सामने वाली बिल्डिंग में रहती हैं। शाम को इनकी झांटे साफ़ करने वाली क्रीम वापस करनी है।
मेरा लण्ड झुका हुआ था, सरीना ने उसे हिलाया और बोली- आपकी वो किताब कहाँ है जिसमें सुन्दर सुन्दर नंगी लड़कियों की चुदती हुई फोटो लगा रखी हैं?
मैं चौंकते हुए बोला- तुझे कैसे पता? यह बात तो मेरी बीवी को भी नहीं पता !
बाबूजी, आपकी बीवी को तो यह भी नहीं पता कि आप मेरी चूत का रस चख रहे हैं, आप एक दिन बस स्टैंड के पास फ़ुटपाथ की जिस दुकान से नंगी फोटो खरीद रहे थे वो मेरे पड़ोसी की दुकान है, उसी ने बताया था कि आपको नंगी जवान लड़कियों की सेक्सी फोटो खरीदने का शौक है, अब नखरे न करो, मुझे दिखा दो, नहीं तो मैं नाराज हो जाऊँगी।
मैंने कहा- ठीक है, मैं दिखाता हूँ।
"यह हुई न बात !" सरीना बोली और उसने मेरे ठन्डे पड़े लण्ड को मुँह में लेकर दो तीन बार चूस लिया, बोली- आप किताब लाओ तब तक मैं आपके लिए गरम दूध बनाकर लाती हूँ।
मैं अपनी दो सौ पन्नों की फाइल ले आया जिसमें नंगी लड़कियों की हसीन फोटो थीं। उन्हें मैं एक बार देखने लगा जिससे मेरे लण्ड में थोड़ा सा उफान आ गया। सरीना दो ग्लास दूध ले आई थी। मेरी तरफ ग्लास बढ़ाकर बोली- लो साहब दूध पियो !
मैं बोला- मैं ठंडा दूध पीता हूँ !
उसने मेरा दूध मेज पर रख दिया और अपना ग्लास खाली कर दिया, मेरा लौड़ा सहलाते हुए बोली- राजा, अभी तो एक पारी और हो जाएगी, यह मियां तो फुदकी मार रहें हैं।
मैं बोला- तू ग्लास दे।
उसने ग्लास मेरी ओर बढ़ा दिया। ग्लास में बहुत मलाई थी, मैं उसे निकालने लगा तो सरीना बोली- यह क्या कर रहे हो?
मैं बोला- रानी, मैं मलाई नहीं खाता !
सरीना बोली- लाओ, मलाई मुझे दो ! आप कोई अच्छा काम करते भी हो?
मैंने मलाई उसके हाथ में दे दी उसने मलाई लेकर मेरे लण्ड पर गिरा दी।
मैं बोला- अरे, यह क्या कर रही हो सरीना?वह मेरे गाल पर चुटकी काटते हुए बोली- आप अब दूध पियो और मुझे मलाई खाने दो !
उसने दूध की मलाई से मेरे लण्ड की मालिश की और लण्ड अपने मुँह में डाल लिया और उसे चूसने लगी। थोड़ी देर में लण्ड पूरा तन गया, मैं मस्त हो गया।
पूरा लण्ड तनते ही मेरा मन दुबारा चोदने को करने लगा।
सरीना बोली- राजा, पहले जाकर दूध के ग्लास रख कर आओ फिर तुम्हें चुदाई का दूसरा पाठ पढ़ाती हूँ।
मैं ग्लास रखने गया, तभी मेरे ऑफिस से फ़ोन आ गया। मैंने फ़ोन पर बता दिया- आज नहीं आऊँगा।
जब मैं कमरे में घुसा तो सरीना उलटी घुटनों के बल लेटकर नंगी लड़कियों की फोटो देख रही थी, मैं उसकी गाण्ड से चिपक कर चूची दबाने लगा तो सरीना बोली- लड़कियां तो बहुत सुन्दर हैं ! दो-दो लण्डों से भी चुदवा रही हैं।
मैं बोला- सरीना जान, मेरा लण्ड तुम्हारी चूत के लिए पागल हो रहा है, जरा सीधी हो जा, एक बार चूत की सैर और करा दे !
सरीना बोली- चोद दो ! पीछे से चोद दो ! लो मैं चूत ढीली छोड़ती हूँ ! तुम घुसाओ !
सरीना थोड़ी उचक गई और उसने टाँगे फ़ैला दीं, बोली- चूत दिख रही है?
मैंने कहा- दिख तो रही है !
"तो घुसाओ ना ! चूतिया क्यों बने हुए हो?"
मैं लण्ड उसकी चूत में लगाने लगा लेकिन लण्ड घुस ही नहीं रहा था। सरीना बनावटी गुस्से से बोली- मादरचोद, भगवान अगले जन्म में लण्ड बिना पैदा करेगा। आठ इंच का रख कर भी चूत में नहीं घुसा पा रहा गाण्डू ? कमर पकड़ !
मैंने सरीना की कमर पकड़ ली, सरीना ने हाथ से लण्ड अपनी चूत के मुँह पर लगा लिया और बोली- अब तेजी से धक्का मार !
मैंने बिना देर किये उसकी कमर पकड़ कर उठाया और एक तेज झटके में लण्ड को चूत में मारा, सफलता मिली और लण्ड चूत में था। वाकई एक अनोखा मज़ा था ! उसकी चूचियां मैंने पकड़ ली।
सरीना बोली- ज्यादा शरीफ मत बनो, गालियाँ बकते हुए चोदो, वर्ना मेरे आलावा किसी की चोद भी नहीं पाओगे।
मैंने सरीना को गुरु मान लिया था, लण्ड को पेलते हुए मैंने गालियाँ बकनी शुरू कर दीं। थोड़ी देर में हम दोनों पूरे मज़े ले रहे थे, सरीना चिल्ला रही थी- ऊह आह ! मज़ा आ गया ! क्या मारी है बहन चोद ! तू तो आज से चूत का राजा बन गया है ! मार साली की भोंसड़ी बना ! सच अब तुझसे चुदने का मज़ा आ रहा है ! कुत्ते मार इस हरामिन चूत को ! साली बहुत तंग करती है।
मैं भी कुतिया, रंडी, साली, रंडी की औलाद, तेरी भोंसरी की मारूँ, लोंडी बकता हुआ सरीना को चोदने में लगा हुआ था। 5 मिनट की चुदाई के बाद मैं निढाल होकर लेट गया, सरीना भी मुझसे चिपक गई। चिपके चिपके हम एक दूसरे की चूची, चूत चुचकों और लण्ड से खेल रहे थे।
करीब एक घंटे बाद उठे तो मैं चौंकते हुए बोला- अरे बारह बज गए? कोई क्या सोचेगा?
सरीना मेरे गालों की पप्पी लेते हुए बोली- कोई कुछ नहीं सोचेगा ! सुबह वाले गार्ड की ड्यूटी नौ बजे बदल जाती है और किसी के पास इस मुंबई में इतना समय नहीं है कि हमारे बारे में सोचेगा।
मैं सरीना को चिपकाते हुए बोला- रानी, तुमने मस्त कर दिया ! अब यह बताओ कि क्या सरप्राइज़ दे रही हो?
सरीना बोली- इतनी मारी है मेरी ! कुछ इनाम तो दो !
मैंने बिना देखे हुए कल शाम को एक ठेकेदार जो लिफाफा दे गया था, वो पूरा उसे दे दिया।
उसने खोल कर देखा तो उसमें दस हजार थे, वो बोली- राजा, आपने मुझे खुश कर दिया ! सच राजा, मज़ा आ गया !
और उसने मेरे गालों पर 5-6 पप्पी दे डाली।
मैं बोला- सरप्राइज़ तो बता दो?
वो मेरे कान के पास मुँह लाकर बोली- दो दिन बाद मैं आपके लण्ड राजा को रूचि जी की चूत में घुमा कर लाऊँगी।
"सच रानी? मुझे विश्वास नहीं हो रहा है !"
सरीना बोली- दो दिन बाद हो जायेगा ! लेकिन मर्द बनकर चोदना, शरीफ बनकर नहीं ! कल मैं तुम्हें पूरा प्रोग्राम बताऊँगी।
उसके बाद सरीना चली गई। मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि जिस रूचि की सोच सोच कर मैंने कई बार मुठ मार दी और जिसकी चूची तक मैंने नहीं दबाई, उसकी चूत में मेरा लण्ड दो दिन बाद सैर करेगा।
मैं सोचते सोचते नहाने चला गया और नहाते हुए सरसों के तेल से सरीना के कहे अनुसार लण्ड पर मालिश करने लगा।
अगले दिन सरीना फिर छः बजे आ गई। मैंने उससे प्रोग्राम पूछा, लेकिन उसने कहा- पहले आप मुझे आठ बजे तक चोदो बिना लण्ड झड़े ! तब मैं रूचि जी की चूत दिलवाऊँगी। मैंने रूचिजी को बता दिया है कि तुम दो घंटे तक चूत चोदोगे उनकी। उनके पति उन्हें दस मिनट से ज्यादा चोद नहीं पाते और चार महीने में एक बार मारते हैं, महीने में बीस दिन बाहर रहते हैं। मेरी चाल में तो 9-10 इंच लम्बे लण्ड वाले लोंडे हैं जो 6-6 घंटे तक चूत फाड़े रखते हैं लेकिन रूचि जी तुम्हें पसंद करती हैं और तुमसे ही चुदना चाहती हैं। अब तुम उन्हें एक घंटा भी नहीं चोद पाए तो मेरी इज्ज़त मिटटी में मिल जाएगी।
मैंने उसकी बात मान ली और चुदाई शुरू कर दी। सरीना ने मुझे पूरा सहयोग किया और 5-6 आसनों से मेरा लण्ड चूत में डलवाया। डेढ़ घंटे बाद मेरा लण्ड पहली बार झड़ा, इतनी देर तक मैं सरीना को इसलिए चोद पाया क्योंकि सरीना ने हर आसन के बाद मेरे लण्ड को 2-3 मिनट का आराम दिया और इस समय मैं मुझसे अपने संतरे और होंटों को चुसवाया।
इसके बाद सरीना ने लण्ड चूसा और उसे दुबारा खड़ा किया। एक बार फिर एक घंटे तक मेरे लण्ड ने उसकी चूत को बजाया।
सरीना मुस्कुराते हुए बोली- साहब, वाकई अब आप चोदना सीख गए हो ! अब दो दिन बाद रूचि जी की चूत पर आपका राज रहेगा और आप उनकी चूत जम कर बजाना।
सरीना ने अपना प्रोग्राम बताया। उसने बताया कि कल शाम दो बजे को अतुल नाम के एक सज्जन अपनी पड़ोसन रेखा के साथ आपके घर आयेंगे। जिसे वो 2 से 5 बजे आपके यहाँ चोदेंगे। .मैं भी 2बजे काम करने आऊँगी और आपके साथ रहूँगी। दो दिन बाद अँधेरी में उनके फ्लैट में आप रूचि जी के साथ अपनी कार से जायेंगे, जहाँ रूचि जी को आप चोदेंगे। रूचि जी अँधेरी के बाहर आपको मिल जाएँगी। लोकल स्टेशन से अपनी कार में रूचि को लेकर आप अतुल जी के यहाँ जायेंगे, वहाँ आपको मेरी सहेली उमा मिलेगी जो अतुल के यहाँ काम करती है। उमा ने ही अतुल को उनकी पड़ोसन की चूत दिलाई है। कोई दिक्कत होगी तो उमा मदद कर देगी। अब मैं रूचि जी के यहाँ काम करने जा रही हूँ, वहाँ फ़ोन से आपकी बात रूचि से कराऊँगी। जरा रंगीन बनकर बात करना, बड़ा मज़ा आएगा।
सरीना के जाने के थोड़ी देर बाद मेरे मोबाइल पर घंटी आई, सरीना बोल रही थी- लो रूचि जी से बात करो !
मेरे दिल की धड़कन जोरों पर थी, उधर से रूचि बोली- नमस्ते राजीव जी, सरीना बता रही थी आप मुझे बहुत पसंद करते हैं?
मैं बोला- सच रूचि जी, आप बहुत सुन्दर हैं और आपकी आवाज़ भी बहुत मधुर है।
"सच? और क्या क्या अच्छा लगता है?"
मैं बोला- सब कुछ !
"आप ठीक से बताइए न ! अब तो हम दोस्त हैं ना?"
मैंने कहा- सच बता दूँ?
रूचि सेक्सी ऊहं भरती हुई बोली- जल्दी बताइए न?
मैं बोला- मुझे सबसे अच्छे आपके संतरे लगते हैं ! सच, रस पीने का बड़ा मन करता है।
रूचि बोली- पी लीजिये ! लो, मैंने दोनों बाहर निकाल लिए हैं, पीजिये ना। आप पी रहे हैं ना?
"आह, बहुत मज़ा आ रहा है !" फ़ोन पर मैं सेक्सी आवाज़ निकलने लगा और बोला- रूचि जी। फ़ोन पर जब इतने रसीले लग रहे है तो सामने पीने पर कितने अच्छे लगेंगे !
रूचि बोली- आहा, सच, बहुत मज़ा आएगा जब आप असली में पीयेंगे ! अच्छा और क्या मन कर रहा है?
मैं बोला- मेरा घोड़ा आपकी सुरंग में घूमना चाह रहा है !
रूचि बोली- हो हो ! मतलब कि आप मेरी मारना चाहते हैं? आपका कितना लम्बा है?
मैं बोला- आठ इंच का है !
रूचि बोली- बाप रे ! आठ इंची? नहीं बाबा नहीं ! मेरी तो फट जाएगी ! दर्द भी खूब होगा और बदनाम हो जाऊँगी।
मैं बोला- आप एक बार दें तो ! इतने प्यार से मारूँगा कि आप खुद ही कहेंगी कि एक बार और मारो ना !
रूचि बोली- सच? तो कब आप मेरी मार रहे हैं? सच बताऊँ, यह साली तो मुझे बहुत परेशान करे हुए है दो महीने से लण्ड-लण्ड चिल्ला रही है, आपकी बातों से पूरी गीली हो गई है।
मैं अपना लण्ड निकाल कर हाथ में पकड़े हुआ था, लण्ड रूचि की बातें सुनकर टनक रहा था। सरीना उधर खड़ी हमारी बातें सुन रही थी, बोली- रूचि जी, आपकी सुरंग मैं गीली करा दूँगी !
और उसने अपनी पूरी योजना रूचि को बता दी।
रूचि ऊहं भरती हुई बोली- राजीव जी, दो दिन तक इंतजार करना पड़ेगा ! प्यार से मारना आप ! सच में आज तो सो ही नहीं पाऊँगी ! अब डार्लिग, फ़ोन बंद कर दूँ?
मैं बोला- एक पप्पी तो दे दो !
उधर से एक पुच की आवाज़ आई और फ़ोन बंद हो गया। मैंने भी अपना फ़ोन बंद कर दिया।
मेरा लण्ड इस समय आसमान छू रहा था पर सरीना ने मुझे मुठ मारने के लिए मना किया था इसलिए बात करने के बाद मैं बाहर टहलने निकल गया।
सरीना अगले दिन सुबह सात बजे काम पर आई, मैंने उसे पकड़ लिया और उसके गालों को चूमने लगा और बोला- सरीना, तूने तो कमाल कर दिया?
सरीना बोली- देखते जाओ ! आज शाम को अतुल की पड़ोसन अतुल के साथ-साथ आप से भी चुदेगी।
मैं बोला- लेकिन अतुल बुरा तो नहीं मानेगा?
सरीना मेरे लण्ड को सहलाते हुए मुस्कुराई और बोली- इस खेल में सब जायज़ है ! अब यह सेक्स तेल लो और हर एक घंटे बाद इसकी मालिश करो ! दो बजे से आपका भी मैच है, मैं नहीं चाहती कि आप उसमें फेल हों !
सरीना ने अपनी चूचियों के बीच से निकाल कर सेक्स के तेल की शीशी मुझे दे दी। सरीना तेल निकाल कर मेरे लण्ड की मालिश करने लगी। उसके बाद लण्ड अपने मुँह में घुसाने से पहले बोली- आज चुदवाऊँगी नहीं ! शाम को टनटनाए रहना ! रेखा की चूत का बाजा बजाना है।
सरीना ने बताया- अतुल की पड़ोसन रेखा अतुल से पिछले कई महीने से चुदवा रही है अतुल का लण्ड 5 इंच लम्बा है लेकिन दोनों को एक दूसरे से करवाने में मज़ा आता है। आज अतुल उसकी गाण्ड मारना चाहता है जिसके लिए मुझे उसकी मदद करनी पड़ेगी। तुम भी देखना कैसे उसकी गाण्ड मरवाती हूँ और तुम्हारा लण्ड उसकी चूत में भी डलवाऊँगी ! बस तुम जल्दबाजी मत करना !
सरीना ने मुझे एक पप्पी दी और बोली- मैं अतुल के साथ गाड़ी में आऊँगी, सोच-सोच कर मुठ मत मारना और इतना कह कर सरीना चली गई।
मैं दो बजने का इंतजार करने लगा।
कहानी का अगला भाग "रेखा- अतुल का माल" जल्दी ही आपको पढ़ने के लिए मिलेगा